Here's the poem :-
"एक कविता उन शूरवीरों के नाम"
"हम यूँ ही आज़ाद नहीं हुए,"
"इसके पीछे न जाने कितनी कुर्बानियां हैं।"
"एक कहानी पर कविता हमने लिखी है,"
"और भी बाकी कितनी कहानियाँ हैं।"
"इसके पीछे न जाने कितनी कुर्बानियां हैं।"
"एक कहानी पर कविता हमने लिखी है,"
"और भी बाकी कितनी कहानियाँ हैं।"
"ऐ शूरवीर, तुझ पर क्या लिखूँ,"
"मेरे कलम मे इतनी स्याही नहीं।"
"एक शब्द मे तेरी कुर्बानी लिखूँ,"
"ऐसा तू सिपाही नहीं।"
"मेरे कलम मे इतनी स्याही नहीं।"
"एक शब्द मे तेरी कुर्बानी लिखूँ,"
"ऐसा तू सिपाही नहीं।"
"आज गणतंत्र दिवस की भी खुशियाँ मनाना नसीब नहीं होता।"
"अगर तू सरहदों के करीब नहीं होता।"
"अगर तू सरहदों के करीब नहीं होता।"
"ऐ जवान, सरहदों पर तू सीना तान खड़ा है,"
"तभी तो, हर मर्तबा हमारा हौसला बढ़ा है,"
"तभी तो, हर मर्तबा हमारा हौसला बढ़ा है,"
"तूने देश वासियों के लिए खुद का लहू लुहान कर दिया,"
"हम आज़ाद जी सकें, इसलिए तूने खुद का जीवन कुर्बान कर दिया।"
"हम आज़ाद जी सकें, इसलिए तूने खुद का जीवन कुर्बान कर दिया।"
"देश की आन के लिए तूने सर कटाया, मगर तेरा सर कभी झुका नहीं।"
"तभी तो तुझे लाख सलामी देते देते, ये दिल कभी रुका नहीं।"
"तभी तो तुझे लाख सलामी देते देते, ये दिल कभी रुका नहीं।"
"उन वीरों को भी सलाम, जो आख़िरी दम तक साथ दिए,"
"खुद कतरा कतरा रह कर, दुश्मन को ज़िंदा मार दिए।"
"खुद कतरा कतरा रह कर, दुश्मन को ज़िंदा मार दिए।"
"हाथों में लकीर तो थे, मगर हमारी किस्मत निराश थी,"
"पैरों में जंज़ीर तो थे, मगर आख़िरी सांस तक लड़ने की प्यास थी,"
"एक माँ के कलेजे का टुकड़ा गोलियों से इस कदर छलनी हुआ,"
"कि उस माँ के आँसू देख खुन से लतपत गोली भी उदास थी।"
"पैरों में जंज़ीर तो थे, मगर आख़िरी सांस तक लड़ने की प्यास थी,"
"एक माँ के कलेजे का टुकड़ा गोलियों से इस कदर छलनी हुआ,"
"कि उस माँ के आँसू देख खुन से लतपत गोली भी उदास थी।"
देश के खातिर तूने झोंक दी अपनी ज़िंदगी हवन मे,"
"तिरंगे को तूने है लहराया गगन मे,"
"तू शहीद हुआ, मगर फिर भी तू ज़िंदा है लाखों ज़हन मे,"
"ज़रा गौर से तो देख, है बना तिरंगा तेरे क़फ़न मे।"
"तिरंगे को तूने है लहराया गगन मे,"
"तू शहीद हुआ, मगर फिर भी तू ज़िंदा है लाखों ज़हन मे,"
"ज़रा गौर से तो देख, है बना तिरंगा तेरे क़फ़न मे।"
"गरज़ते हिमालय पर लड़ते लड़ते बर्फ तेरा कफ़न हो गया,"
"जिस मिट्टी से बना था, तू उसी मिट्टी में दफ़न हो गया।"
"जिस मिट्टी से बना था, तू उसी मिट्टी में दफ़न हो गया।"
"इस देशप्रेमी का तुझसे ये वादा है,"
"कट जाएंगे उनके मस्तक, जिनका देश के प्रति गलत इरादा है।"
"कट जाएंगे उनके मस्तक, जिनका देश के प्रति गलत इरादा है।"
"आज हमारी खुशियों के पीछे, उन जवानों का सत्कर्म है,"
"देश की आन, शान और रक्षा करना, जिन्होंने माना अपना धर्म है।"
"देश की आन, शान और रक्षा करना, जिन्होंने माना अपना धर्म है।"
"तुझसे वादा है शूरवीर, बलिदान तेरा ज़ाया नही होगा,"
"ऐसा देश बनाएंगे, जो संसार में किसी ने बनाया नहीं होगा।"
"ऐसा देश बनाएंगे, जो संसार में किसी ने बनाया नहीं होगा।"
"जय हिंद, जय भारत!"
- राहुल विश्वकर्मा
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